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What is shilajit |
शिलाजीत क्या है?
शिलाजीत एक प्राकृतिक पदार्थ है जो मुख्य रूप से हिमालय, तिब्बत, अल्ताई और काकेशस पर्वतों में पाया जाता है। यह लाखों वर्षों तक पौधों और जैविक पदार्थों के अपघटन से बनता है और एक काले-भूरे रंग की राल जैसा पदार्थ होता है। इसमें फुल्विक एसिड, ह्यूमिक एसिड, खनिज, और कई अन्य लाभकारी यौगिक होते हैं।
शिलाजीत कैसे बनती है?
जैविक पदार्थों का विघटन: पेड़-पौधों और जैविक पदार्थ लाखों वर्षों तक चट्टानों के बीच दबे रहते हैं।
गर्मी और दबाव का प्रभाव: पर्वतीय क्षेत्रों में अत्यधिक दबाव और तापमान के कारण यह पदार्थ धीरे-धीरे एक गाढ़ी, चिपचिपी राल में बदल जाता है।
खनिजों और पोषक तत्वों से भरपूर: यह प्रक्रिया इसे खनिजों, फुल्विक एसिड और अन्य पोषक तत्वों से समृद्ध बना देती है।
शुद्धिकरण प्रक्रिया: इसे पहाड़ों से निकालकर फ़िल्टर और शुद्ध किया जाता है ताकि इसमें से हानिकारक तत्व अलग किए जा सकें।
शिलाजीत के फायदे (Benifits)
1. शारीरिक ऊर्जा और ताकत बढ़ाए
माइटोकॉन्ड्रिया की कार्यक्षमता बढ़ाकर शरीर की ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाता है।
कमजोरी और थकान को कम करता है।
2. पुरुषों की यौन शक्ति बढ़ाए
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाने में मदद करता है।
शुक्राणु की गुणवत्ता और संख्या में सुधार करता है।
3. दिमागी शक्ति और याददाश्त बढ़ाए
न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं जो अल्जाइमर जैसी बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं।
मानसिक तनाव को कम करने में सहायक।
4. हड्डियों और जोड़ों के लिए फायदेमंद
गठिया और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है।
कैल्शियम अवशोषण को बढ़ाकर हड्डियों को मजबूत करता है।
5. इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण शरीर को टॉक्सिन्स से बचाता है।
6. एंटी-एजिंग गुण
फुल्विक एसिड की अधिक मात्रा त्वचा और शरीर को जल्दी बूढ़ा होने से बचाती है।
त्वचा की चमक और कसावट बनाए रखती है।
7. मधुमेह (डायबिटीज) को नियंत्रित करने में मददगार
रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
इंसुलिन संवेदनशीलता को सुधार सकता है।
शिलाजीत के नुकसान (Side Effects)
हालांकि शिलाजीत प्राकृतिक और सुरक्षित होती है, लेकिन अधिक मात्रा में लेने से या अशुद्ध शिलाजीत का सेवन करने से कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं:
- ब्लड प्रेशर कम हो सकता है – लो ब्लड प्रेशर वालों को इसे सावधानी से लेना चाहिए।
- पाचन संबंधी समस्याएं – कुछ लोगों को मतली, उल्टी या डायरिया हो सकता है।
- शरीर में अधिक गर्मी उत्पन्न कर सकता है – गर्म तासीर होने के कारण गर्मी बढ़ा सकता है।
- एलर्जी रिएक्शन – कुछ लोगों को खुजली, चकत्ते या अन्य एलर्जी हो सकती है।
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए नहीं – गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- किडनी स्टोन का खतरा – अधिक मात्रा में सेवन से किडनी स्टोन बनने की संभावना बढ़ सकती है।
कैसे और कितनी मात्रा में लें?
शिलाजीत पाउडर या राल: 300-500 mg प्रतिदिन गर्म पानी या दूध के साथ लें।
शिलाजीत कैप्सूल: 1-2 कैप्सूल प्रतिदिन।
डॉक्टर की सलाह लें: कोई भी आयुर्वेदिक या हर्बल सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
निष्कर्ष
शिलाजीत एक शक्तिशाली प्राकृतिक पदार्थ है, जो शरीर को ऊर्जा देने, रोगों से बचाने और संपूर्ण स्वास्थ्य सुधारने में मदद करता है। लेकिन इसे सही मात्रा में और शुद्ध रूप में ही लेना चाहिए, अन्यथा यह नुकसान भी पहुंचा सकता है।
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