Boycott Meaning in Hindi
Boycott Meaning Hindi |
Boycott का हिंदी में अर्थ होता है "बहिष्कार" या "बहिष्कार करना". यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति, समूह, संगठन या उत्पाद के खिलाफ कोई ऐसा कदम उठाते हैं जिससे उनकी निंदा या उनसे संबंधित कोई चीज़ का बहिष्कार किया जाता है। इससे उन्हें एक संदेश देने का प्रयास किया जाता है कि वे उस व्यक्ति, समूह, संगठन या उत्पाद के साथ संबंधित नहीं होना चाहते हैं
Boycott का हिंदी में अर्थ होता है "बहिष्कार" या "बहिष्कार करना". यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति, समूह, संगठन या उत्पाद के खिलाफ कोई ऐसा कदम उठाते हैं जिससे उनकी निंदा या उनसे संबंधित कोई चीज़ का बहिष्कार किया जाता है। इससे उन्हें एक संदेश देने का प्रयास किया जाता है कि वे उस व्यक्ति, समूह, संगठन या उत्पाद के साथ संबंधित नहीं होना चाहते हैं।
Boycott शब्द का उल्लेख अंग्रेजी में 1880 के दशक में हुआ था। इसे नामकरण के लिए आदर्शवादी विद्वान और सामाजिक सुधारक के चार्ल्स बॉयकॉट के नाम पर रखा गया था, जो आधुनिक ब्रिटेन में उत्पन्न हुए बहुत सारे समस्याओं के समाधान के लिए संगठन बनाने के लिए प्रोत्साहित करते थे। बॉयकॉट नाम का उपयोग भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किया गया था जब महात्मा गांधी ने भारतीयों को ब्रिटिश वस्तुओं और सेवाओं का बहिष्कार करने के लिए अभियान चलाया था।
Boycott की व्यापक परिभाषा यह है कि इसमें किसी उत्पाद, सेवा, व्यक्ति या संगठन के खिलाफ कोई ऐसा कदम उठाया जाता है जो उनकी निंदा या उनसे संबंधित किसी चीज़ का बहिष्कार करता है। इससे एक संदेश दिया जाता है कि वे उस उत्पाद, सेवा, व्यक्ति या संगठन के साथ संबंधित नहीं होना चाहते हैं।
बहिष्कार एक अभियान के रूप में अनेक बार सफलता प्राप्त हुआ है। यह अक्सर उपभोक के अधिकारों को संरक्षित करने या समाज में सुधार करने के लिए किया जाता है। इससे पहले इसका इस्तेमाल बड़े आंदोलनों में भी किया जा चुका है।
वहिष्कार (Boycott) के कुछ उदाहरण हैं:
- उत्पादों के बहिष्कार: कई बार उपभोक्ता उत्पादों को बहिष्कार करते हैं जब वे उनसे संबंधित उत्पादों के गुणवत्ता, मूल्य, सेवा या व्यवहार से नाखुश होते हैं। यह उत्पाद नहीं खरीदने या इस्तेमाल नहीं करने का संदेश देता है।
- व्यक्ति या संगठन के बहिष्कार: कई बार लोग व्यक्ति या संगठन के साथ संबंधित उनके अभूतपूर्व व्यवहार, नीतियों या कार्यक्षेत्र से नाखुश होते हैं और उन्हें बहिष्कार करते हैं। इससे वे एक संदेश देते हैं कि वे उस व्यक्ति या संगठन के साथ संबंधित नहीं होना चाहते हैं।
- देश के बहिष्कार: कुछ समयों में देश के खिलाफ भी बहिष्कार का प्रयोग किया जाता है। इससे देश को अलग-अलग तरीकों से नुकसान पहुंचता है, जैसे विदेश से आने वाले निवेश या पर्यटन की रुकावट, विदेश से आने वाले उत्पादों के बहिष्कार से उनके नुकसान होते हैं।
बहिष्कार की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार होती है
बहिष्कार का फैसला लेना: जब लोग किसी उत्पाद, व्यक्ति या संगठन के बहिष्कार करने का फैसला लेते हैं, तो वे इस बात का फैसला लेते हैं कि क्या उस उत्पाद, व्यक्ति या संगठन के साथ संबंधित रहना उनके अधिकार है या नहीं।
संगठनिक बहिष्कार: कई बार संगठनों या नेताओं द्वारा उस उत्पाद, व्यक्ति या संगठन के बहिष्कार का एक अधिकारिक फैसला लिया जाता है। इससे वे अपने समर्थकों को एक संदेश देते हैं कि वे उस उत्पाद, व्यक्ति या संगठन के साथ संबंधित नहीं होना चाहते हैं।
आम जनता द्वारा बहिष्कार: कुछ बार आम जनता द्वारा भी बहिष्कार किया जाता है, जिसमें उन्हें कोई आंदोलन की जरूरत नहीं होती। आम जनता उस उत्पाद, व्यक्ति या संगठन को खरीदने या उससे संबंधित सेवाएं लेने से इनकार कर देती है। यह बहिष्कार उस उत्पाद, व्यक्ति या संगठन को नुकसान पहुंचाता है, क्योंकि उनकी आमदनी में कमी आती है।
बहिष्कार के अधिकार और प्रक्रिया देश के कानूनों और न्यायाधीशों द्वारा निर्धारित की जाती है। वैदेशिक उत्पादों के बहिष्कार में विशेष रूप से व्यापक सार्वजनिक सहमति की जरूरत होती है, क्योंकि यह अंततः उन उत्पादों के निर्माताओं और उनकी आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डालता है।
भारत में भी कई बार बहिष्कार की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जैसे दबाव बनाकर देश के कुछ नागरिकों द्वारा चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग करना इत्यादि।
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