Surah Takasur (Takathur) Meaning in Hindi

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SURAH Takasur in Hindi

surah ikhlas in hindi
Surah Takasur Meaning

निश्चित रूप से! "सूरह तकाथुर" (Surah Takathur) कुरान का 102वां अध्याय है, और इसे "अल-तकाथुर" के नाम से भी जाना जाता है। शब्द "तकाथुर" का अर्थ अरबी में "प्रतियोगिता" या "प्रतिद्वंद्विता" है। इस सुरा का मुख्य विषय मानवता को इस दुनिया के धन और संपत्ति की क्षणभंगुर प्रकृति और बाद के जीवन पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व के बारे में एक अनुस्मारक है।

Surah Takasur In Hindi, "Surah Takathur" is often referred to as "सूरह तकाथुर" or "तकाथुर सूरह".

यह सूरह अल्लाह तआला के अनुरोध के अनुसार मनुष्य को सच्चाई की तरफ ध्यान देने की एक पुकार है। सूरह तकाथुर में अल्लाह तआला ने धन, सम्पत्ति और लोकलोभ के महत्व को बताया है जो इंसान को दूसरों से भिन्न बनाता है। इस सूरह के माध्यम से अल्लाह तआला इंसान को समझाते हैं कि यह धन और सम्पत्ति सिर्फ दुनिया में ही सीमित होती है और आखिरी दिन में कुछ नहीं बचता। इसलिए, इंसान को अपनी दिनचर्या में दीन और दुनिया दोनों का ध्यान रखना चाहिए।

इस सूरह का उत्तराधिकार है, "लौह महफूज़ में तो आपस में शिक्वा दर शिकवा है, क्योंकि दुनिया में आपस में तक़ाबुर का मुआमला करते रहे।" यह सूरह अल्लाह की तरफ से हमारे लिए एक सख्त चेतावनी है कि हमें अपनी दुनियावी चाहतों को छोड़कर आखिरी दिन की तैयारी में जुटना चाहिए।

यह सूरह अल्लाह तआला के अनुरोध के अनुसार मनुष्य को सच्चाई की तरफ ध्यान देने की एक पुकार है। सूरह तकाथुर में अल्लाह तआला ने धन, सम्पत्ति और लोकलोभ के महत्व को बताया है जो इंसान को दूसरों से भिन्न बनाता है। इस सूरह के माध्यम से अल्लाह तआला इंसान को समझाते हैं कि यह धन और सम्पत्ति सिर्फ दुनिया में ही सीमित होती है और आखिरी दिन में कुछ नहीं बचता। इसलिए, इंसान को अपनी दिनचर्या में दीन और दुनिया दोनों का ध्यान रखना चाहिए।

इस सूरह का उत्तराधिकार है, "लौह महफूज़ में तो आपस में शिक्वा दर शिकवा है, क्योंकि दुनिया में आपस में तक़ाबुर का मुआमला करते रहे।" यह सूरह अल्लाह की तरफ से हमारे लिए एक सख्त चेतावनी है कि हमें अपनी दुनियावी चाहतों को छोड़कर आखिरी दिन की तैयारी में जुटना चाहिए।

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