Saraswati Puja : दोस्तो हमारे जीवन में माँ सरस्वती का बहुत अधिक महत्त्व है. माता सरस्वती की आराधना हम सब के लिए धार्मिक उत्सव के साथ अधिक महत्व रखती है. इस आर्टिकल में हम जानेगे 2022 saraswati puja kab hai के बारे मे विस्तार से.
बचपन मे जब भी हम अपनी पढाई के सुरुवात करते है, उस समय पेन्सिल से माता saraswati का चित्र निकालते है. उनको वंदन करके पढाई का श्री गणेशा करते है. माता सरस्वती की आराधना और वंदना करनेका विशेष मौका और दिन रहता है जीसकी जानकारी प्राप्त करने वाले है.
Saraswati Puja Tithi |
2022 Saraswati Puja date and time
माँ सरस्वती की आराधना और वंदना करने का दिन वसंत पंचमी (Vasant Panchami) के नाम से जाना जाता है. 2022 मे Saraswati Puja शनिवार 5 फरवरी 2022 को है. इस दिन माँ सरस्वती की पूजा और आराधना करना अत्यंत शुभ फलदायक होता है.
भारत में, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों में मां सरस्वती की पूजा बहुत लोकप्रिय है।
आने वाले माघ महीने की शुक्ल पंचमी को माता सरस्वती का पूजन आप कर सकते है. ज्ञान विद्या बुद्धिमत्ता कला और संस्कृति की देवी माता Saraswati को माना जाता है. हमारे देश में वसंत पंचमी की दिन सरस्वती माता का पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है.
अब हम जानते हैं। पिछले कुछ वर्षों और आने वाले वर्षों में सरस्वती माता या बसंत पंचमी की तारीख क्या है?
Saraswati Puja Dates
Saraswati Puja 2018 - Monday, 22 January
Saraswati Puja 2019 - Sunday, 10 February
Saraswati Puja 2020 - Thursday, 30 January
Saraswati Puja 2021 - Tuesday, 16 February
Saraswati Puja 2022 - Saturday, 5 February
Saraswati Puja 2023 - Thursday, 26 January
Saraswati Puja 2024 - Wednesday, 14 February
Sarswati img |
Saraswati Puja को क्या कहते है
शुक्ल पंचमी को Saraswati Puja होने वाली है. सरस्वती पुजा को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है. मान्यता के अनुसार यह बहुत शुभ समय होता है. देखा जाये तो माता सरस्वती का पूजन नवरात्री और दिवाली मे करने की प्रथा है.
माता सरस्वती के पूजा को अत्यंत पवित्र माना जाता है.
अबूझ मुहूर्त का मतलब यह है, इस दिन किसी भी शुभ कार्य को आप प्रारंभ कर सकते है. यह आपको मुहूर्त देखने की जरूरी नही रहती है.
Saraswati Puja कैसे करते है
अब तक हमने 2022 मे Saraswati Puja कब करनी है इसके बारे मे जानकारी प्राप्त की है. अब देखते है सरस्वती पूजन किस प्रकार करते है.
सबसे पहले आपको श्री गणेश जी की पूजा आरंभ करनी है.
उसके बाद कलश की स्थापना करके देवी सरस्वती का पूजन आरंभ किया जाता है. घी का दिया, फुल अर्पित करने के बाद सरस्वती स्तोत्र का पाठ करना चाहिये.
माता Saraswati का मंत्र
विद्या प्रदान करनेवाली माता Saraswati को प्रसन्न करने के लिए आपको मंत्र का सहारा लेना होगा. मंत्र से आप आराधना करते है तो माता सरस्वती आपको प्रसन्न हो कर वरदान दे सकती है.
मनोभाव से पूजा करने के बाद माता सरस्वती का मंत्र जो नीचे दिया है उसका ध्यान अवश्य करे.
- या कुंदेंदु-तुषार-हार-धवला,
- या शुभ्र - वस्त्रावृता,
- या वीणा - वार - दण्ड - मंडित - करा,
- या श्वेत - पद्मासना।
- या ब्रह्माच्युत - शङ्कर - प्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दित,
- सा मां पातु सरस्वती
- भगवती नि: शेष - जाड्यापहा।
जो मंत्र श्लोक उपर दिया है अब जानते है उसका अर्थ क्या है.
जो देवी कुंद के फूल चंद्रमा भीम राशि और मोती की तरह श्वेत वर्ण वाली है तथा श्वेत वस्त्र धारण करती है जिसके हाथ मे विना दंड शोभा देता है. जो श्वेत कमल पर विराजमान है. ब्रम्हा विष्णू शिव आदिदेवता जिसकी पुजा करते है. जो जडता और अज्ञान दूर करने वाली है. ऐसी हे माँ सरस्वती हमे विद्या का वरदान दे, हमारी रक्षा करे.
Saraswati Puja का महत्व क्या है
शुद्ध बुद्धी और ज्ञान देने वाली माता Saraswati लक्ष्मी पार्वती का स्वरूप है. हमारा शास्त्र कहता है सरस्वती ब्रह्मा जी की अर्धांगिनी है. सरस्वती पुजा का दिन पवित्र और शुभ माना जाता है.
जो छोटे बच्चे शिक्षा का आरंभ करते है उनके लिये यः दिवस शुभ माना जाता है. सरस्वती पुजा के दिन माता-पिता अपने बच्चो के हाथ को पकड कर पहिला अक्षर लिखवाते है.
कुछ जगह पर बच्चो के जीभ पर शहद की काडी से अक्षर बनाते है.
Saraswati Puja करने की लाभ क्या है
अत्यंत श्रद्धा भावसे यदि Saraswati Puja करते है तो इस का लाभ हमे अवश्य मिलता है. यहा जानते है सरस्वती पुजा के लाभ क्या है.
- सरस्वती पुजा अत्यंत पवित्र अशुभ माना गया है. यह एक अबूझ मुहूर्त है.
- बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती का पूजन किया जाता है.
- माता सरस्वती की पूजा करने से हमारे बुद्धी का विकास होता है.
- शिक्षा के क्षेत्र मे प्रगती करने के अवसर हमे प्राप्त होते है.
- माता सरस्वती कला और ज्ञान की देवी है इस दोनो क्षेत्र मे हमे आगे बढने के मौके मिलते है.
- किसी भी क्षेत्र मे आगे बढने के लिए आपको विद्या और कला का कौशल्य प्राप्त करने के लिए नियमित रूप असे माता सरस्वती का पूजन करना चाहिए.
दोस्तो आपके लिए 2022 saraswati puja kab hai इस आर्टिकल मे हमने माता सरस्वती के पूजन का महत्व बताया है. माता सरस्वती को प्रसन्न करने वाले मंत्र की जानकारी भी यहा हमने दि है. यह जानकारी आपको निश्चित रूप से उपयोगी साबित होगी.
लेखक - दिनेश दीक्षित
www.upscgoal.com - यह ब्लॉग यूपीएससी परीक्षा संबंधी है. यहापर आपको UPSC exam, UPSC preparation, UPSC study strategy, current affair, general knowledge के बारे मे विस्तार से जानकारी उपलब्ध रहेगी. यूपीएससी पढाई करने वाले छात्रो के लिए यह Blog बहुत उपयोगी है.
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